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Sunday, 8 April 2012

मोबाइल

मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है कि आज मैं एक  उदयमान कवियित्री का परिचय उनकी कविता के माध्यम से करवा रही हूँ |
यत्र  तत्र सर्वत्र 
व्याप्त है ईश्वर
है विदित सब को 
जानते हैं सभी
सत्य है शास्वत 
निर्विवाद है यह
मानते हैं उसको
 जुड़ें हैं उससे कहीं ना कहीं 
मांफ करना गौड़ 
भूल हो गयी पर
आज यह मोबाइल
बन गया है दावेदार 
चाहे  गाने सुनो कॉल करो 
या भजन या पाठ
सब  कुछ अवेलेबल है
इस यंत्र को अंदर 
काम वाली बाई से भी 
छुट्टी का कारण पूंछें  तो
मोबाइल का नंबर थमाती है 
जीजी कौल करा लेना ये लो 
ये है मेरा नंबर 
ये बेटे का 
और यह घरवाले का 
ट्रेफिक पुलिस है कितना परेशान
पर रोक ना सकी राह पे इसकी शान 
बच्चों की आधी पढाई 
मोबाइल ने ईज़ी करवाई 
उसी पर सारे नोट्स 
क्लास टाइमिंग सेटअप
आज जाना कि ना जाना वहाँ 
हो जाती सारी प्लानिग चेक 
जय मोबाइल देवता 
घर  घर की शोभा बढ़ाते 
बैंकिग  हो बीमा हो 
खेलकूद या कविता हो 
राजनीति के रिस्पांस मेसेजेज़
या  रियलिटी शो के रिएक्शन 
यहाँ तक कर सकते हो
 मोबाइल से भी खरीदी भी
खुश रहेंगे अंकल आंटी 
भैया  भाबी और दीदी भी |

रूचि  सक्सेना 
एम्.एच.एस .सी ,बी एड .
एम्.  बी. ए .






5 comments:

रविकर said...

शब्द चयन -सुन्दर
भाव -प्रभावशाली |
बहाव- लाजवाब ||

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

जय मोबाईल देवता ..बहुत सुन्दर ..सुन्दर शब्द बन्ध और उपयोगी जानकारियाँ ..सच में बहुत सुगम कर दिया है इसने हमारे सारे काम ..आशा जी रूचि जी का परिचय भी कराईयेगा ..बहुत बहुत शुभ कामनाएं इस उदीयमान कवियित्री का ..हमारी सांस्कृतिक विरासत यों ही बनी रहे ...बाल झरोखा सत्यम की दुनिया भी पढियेगा ..
जय श्री राधे
भ्रमर ५

Asha Lata Saxena said...

यह रचना आज के सन्दर्भ में बहुत अच्छी लगी |
लोग मोबाइल को भगवान की तरह पूज रहे हैं |
इस रचना के लिए बधाई रूचि जी |
आशा

Sadhana Vaid said...

एक बहुत ही बेहतरीन रचना ! इतनी अच्छी रचना लिखने के लिये रूचि को मेरी ओर से बहुत सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें ज़रूर दीजियेगा !

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

आदरणीया साधना जी हार्दिक आभार रूचि जी उदीयमान कवियित्री के प्रोत्साहन के लिए
भ्रमर ५