AAIYE PRATAPGARH KE LIYE KUCHH LIKHEN -skshukl5@gmail.com

Tuesday 22 October 2013

करवा चौथ पर

करवा चौथ पर हार्दिक शुभ कामनाएं 
चाँद ने मुह छिपाया
बादलों की ओट में
प्रिय तुम भी
अब तक न आए
जाने कहाँ विलमाए
मैं हूँ परेशान
कब तक राह निहारूं
तुम्हारी और  चाँद की
याद नहीं आई  क्या 
आज करवा चौथ की|
आशा
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

4 comments:

Sadhana Vaid said...

मन को छूती सुन्दर्सार्थक रचना ! बहुत सुंदर !

कालीपद "प्रसाद" said...

बहुत सुन्दर |
नई पोस्ट मैं

Pratibha Verma said...

प्रिय तुम भी
अब तक न आए
जाने कहाँ विलमाए
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

Asha Lata Saxena said...

आपलोगों को टिप्पणी हेतु धन्यवाद |