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Saturday, 15 March 2014

फूल और ओस

होली के अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |

(१)
 फूल क्या जिसने
 ओस से प्यार न किया हो
भावों में बह कर उसे
बाहों में न लिया हो |
(२)
टपकती  ओस
ठिठुरन भरी सुबह की धुप
देखे बिना चैन नहींआता
ओस में नहाया पुष्प
अनुपम नजर आता |
(३)
फूलों की फूलों से बातें
 कितनी अच्छी लगती हैं
प्यार भरी ये सौगातें
मन को सच्ची लगती हैं |

5 comments:

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर और प्रभावी रचना...होली की हार्दिक शुभकामनायें!

Asha Lata Saxena said...

होली पर हार्दिक शुभ कामनाएं|
आशा

मन के - मनके said...

फूलों से फूंलों की बातें अच्छी लगतीं है---
प्यार भरी सौगात----
थोडे शब्दों में गागर भावों की.

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

बहुत सुन्दर रचना...होली की हार्दिक शुभकामनायें.....

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

बहुत सुन्दर रचना...होली की हार्दिक शुभकामनायें.....