AAIYE PRATAPGARH KE LIYE KUCHH LIKHEN -skshukl5@gmail.com

Friday 3 August 2012

राखी आई राखी आई



राखी आई राखी आई
भाई बहन के स्नेह बंध का
यह त्यौहार अनोखा लाई
राखी आई राखी आई
पहन चुनरी ,मंहदी चूड़ी
बहना भी सजधज कर आई
राधा और रुकमा को लाई
राखी आई राखी आई
फैनी घेवर और मिठाई
फल और राखी बहना लाई
रंग बिरंगी राखी ला कर
अपने भैया को पहनाई
केवल धागा नहीं है राखी
रक्षा का बंधन है राखी
बांध कलाई पर राखी को
बहना देती दुआ भाई को |

9 comments:

Rajesh Kumari said...

बहुत प्यारी कविता रक्षाबंधन के उपलक्ष में

Anonymous said...

Sunder bhav hain.

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

रंग बिरंगी राखी ला कर
अपने भैया को पहनाई
केवल धागा नहीं है राखी
रक्षा का बंधन है राखी
आदरणीया आशा जी भाई बहना के प्यार का अनमोल खजाना है ये राखी तो .......प्रेम का उपहार ...जीवन रक्षा सब कुछ ..बधाई हो
भ्रमर ५

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

आदरणीया राजेश कुमारी जी , लता जी , और शास्त्री जी आप सब को तथा सभी मित्रों को राखी की शुभ कामनाएं ..प्रोत्साहन हेतु बहुत बहुत आभार ..आशा जी को बधाई
भ्रमर ५

रुनझुन said...

बहुत ही प्यारी कविता है... थैंक्यू !!!

सदा said...

बहुत बढिया

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सुंदर रचना....
रक्षाबंधन की सादर बधाइयाँ...

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

प्रिय रुनझुन जी, आदरणीया सदा जी , आदरणीय संजय मिश्र हबीब जी आप सब को ये रचना राखी की भायी सुन ख़ुशी हुयी अपना स्नेह और प्रोत्साहन बनाये रखें

रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई आप सपरिवार तथा मित्र मण्डली को भी ...
भ्रमर ५

Asha Lata Saxena said...

आप सब को हार्दिक धन्यवाद टिप्पणी के लिए |
आशा