AAIYE PRATAPGARH KE LIYE KUCHH LIKHEN -skshukl5@gmail.com

Sunday, 30 March 2014

सरदी ने पीठ दिखाई


 
मौसम ने ली अंगडाई 
सर्दी ने पीठ दिखाई 
धूप के तेवर बदले 
वे भी लगे बदले बदले 
पैर जलते धूप में 
पिधलता डम्बर
पक्की सड़क पर 
चलना दूभर होता 
घर के बाहर 
फिर भी कोई 
  काम न रुकता
 जीवन यूं ही चलता रहता |
आशा

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

Sunday, 16 March 2014

छोरी छोरवन क अजब धमाल है कान्हा की कारगुजारी। …






आज  उड़त अबीर गुलाल   
छोरी  छोरवन क  अजब धमाल
है कान्हा की कारगुजारी।
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मिटटी लेप किये कोई कजरा लगाये
बनरे लाल मुख धारी कोई लंगूर आये
कुर्ता टोपी रंगे कोई कपड़ा भी फाड़े
छोटी बड़ी पिचकारी रंग मारे बौछारें
ढोल मजीरा कोई पीटे है ताली
है कान्हा की कारगुजारी। … -----
आज  उड़त अबीर गुलाल   
छोरी  छोरवन क  अजब धमाल
है कान्हा की कारगुजारी।
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काला मुख लिए मोतियन सी आँखें
राधा गोपियन की टोली है राह में ताके
तिरिया चक्कर से बच चलो झांके
कान्हा ग्वालों की अटकी रे साँसें
लिए लट्ठ गजब की ये होरी
है राधा की कारगुजारी। ……………
आज  उड़त अबीर गुलाल   
छोरी  छोरवन क  अजब धमाल
है कान्हा की कारगुजारी।

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लाल गाल वाली सभी हरी पीली रंगी
चोली घाँघरा चूनर है अजब सतरंगी
गायें फगुवा कड़क जैसे दामिनि
काली दुर्गा ये प्रेम रंगी कामिनि
अरी ! होली है या री कबड्डी।
है राधा की कारगुजारी -----------
आज  उड़त अबीर गुलाल   
छोरी  छोरवन क  अजब धमाल
है कान्हा की कारगुजारी।
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खाये भंग पिए हैँ ठंडाई
ऋतु वासन्ती इनपे है छायी
प्रेम परवान जोड़ी बनि के आयी
कामदेव नजरों में खुमारी है छायी
इन्द्र दरबार परियाँ ज्यों आयीं -----
है कान्हा की कारगुजारी ---------
आज  उड़त अबीर गुलाल   
छोरी  छोरवन क  अजब धमाल
है कान्हा की कारगुजारी।
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पहने साड़ी बने कान्हा नारी
सेंध लाये धरे राधा प्यारी
ह हा हि ही हुल्लड़ गायें होरी
चूर मस्ती गजब खेलें होरी
छलके रस-रास यादगार होरी
है कान्हा की कारगुजारी। ।
आज  उड़त अबीर गुलाल   
छोरी  छोरवन क  अजब धमाल
है कान्हा की कारगुजारी।


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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर'
प्रतापगढ़ भारत
१५. ०३. १४
१० से १०. २५ 
हरदोई -लखनऊ मार्ग
लौह पथ गामिनी में
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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं


सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

Saturday, 15 March 2014

फूल और ओस

होली के अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |

(१)
 फूल क्या जिसने
 ओस से प्यार न किया हो
भावों में बह कर उसे
बाहों में न लिया हो |
(२)
टपकती  ओस
ठिठुरन भरी सुबह की धुप
देखे बिना चैन नहींआता
ओस में नहाया पुष्प
अनुपम नजर आता |
(३)
फूलों की फूलों से बातें
 कितनी अच्छी लगती हैं
प्यार भरी ये सौगातें
मन को सच्ची लगती हैं |