AAIYE PRATAPGARH KE LIYE KUCHH LIKHEN -skshukl5@gmail.com

Tuesday 10 April 2012

चारो खम्भों में लग करके- चाटे बोटी-बोटी दीमक ।

  • Dampwood Termites

    दीमक दर दीवार चाटती 
    सत्ता का दीवान चाटती ।
    बड़ी दिलावर चुपके खुलके 
    तंतु-तंत्र ईमान चाटती ।।

  • drywood termites
    तरह तरह की दिल्ली दीमक 
    सूखी रूखी गीली दीमक ।
    दूर-दूर से चुनकर आती 
    खोका पेटी लीली दीमक ।।
  • formosan termite
    ऊंचे-नीचे सदन विराजे ।
    नौकर सैनिक स्वजन विराजे ।
    निज काया से बढ़कर खाए 
    पांच साल तक तूती बाजे ।।

     
  • subterranean termites
    कागज़ पर जो सजे मसौदे ।
     सौदे करके बने घरौंदे ।
    सैनिक दीमक रंग रूट वे
    खुद अपने बूटों से रौंदें ।।

     
      Picture of Termite vs. Flying Ant 
     
  • उर्वर क्षमता से भर-पूर ।
    रहा कलूटा रानी घूर-
    इक संसर्गी सत्र बीतता-
    न्यू-कालोनी बसी सुदूर ।।

    Termite Queen
    रानी
    रानी होती हाइ-कमान  ।
    सबसे बढ़ के उसका मान  ।
    कालोनी आबाद कराये-
    बढती जाए उसकी शान ।। 
है दीमक का सपना एक ।
घर की लक्कड़ अपना केक ।
ललचाई नजरों से ताके -
रानी चले लकुटिया टेक ।

कालोनी की अपनी रानी।
अपने मन की रेल बनानी ।
मृत्यु दंड देती है झट-पट -
करे अगर कोई मनमानी ।। 


छोटी  मोटी खोटी दीमक ।
बड़ी-अड़ी नखरौटी दीमक ।
चारो खम्भों में लग करके-
चाटे बोटी-बोटी दीमक ।

 

6 comments:

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

रानी
रानी होती हाइ-कमान ।
सबसे बढ़ के उसका मान ।
कालोनी आबाद कराये-
बढती जाए उसकी शान ।।
है दीमक का सपना एक ।
घर की लक्कड़ अपना केक ।
ललचाई नजरों से ताके -
रानी चले लकुटिया टेक..
आदर्णीय रविकर जी बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी रानी ..नौकर ...दीमक देवता.. उर्वरक ..आदि ...बड़ी खतरनाक भी मृत्यु दंड देती है झटपट ...जय श्री राधे
आभार
भ्रमर ५

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 said...

प्रिय आनंद प्रवीण जी हार्दिक अभिनंदन आप का इस मंच पर..समर्थन हेतु आभार --अच्छा होता कुछ लिख भी जाते -भ्रमर ५

Asha Lata Saxena said...

सुन्दर चित्र |
आशा

सुशील कुमार जोशी said...

लोकतंत्र के चारों खम्बे
कैसे चाटे दीमक देख!!!

लाजवाब !

रविकर said...

आज शुक्रवार
चर्चा मंच पर
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||

charchamanch.blogspot.com

G.N.SHAW said...

चारो खम्भों में लग करके-
चाटे बोटी-बोटी दीमक ।

बहुत ही सुन्दर सी कविता !