AAIYE PRATAPGARH KE LIYE KUCHH LIKHEN -skshukl5@gmail.com

Monday 28 March 2022

संगिनी हूं संग चलूंगी

BHRAMAR KA JHAROKHA-DARD-E-DIL: संगिनी हूं संग चलूंगी: संगिनी हूं संग चलूंगी ------------------------ जब सींचोगे पलूं बढूंगी खुश हूंगी मै तभी खिलूंगी बांटूंगी  अधरों मुस्कान मै तेरी पहचान बनकर **...संगिनी हूं संग चलूंगी
------------------------
जब सींचोगे
पलूं बढूंगी
खुश हूंगी मै
तभी खिलूंगी
बांटूंगी
 अधरों मुस्कान
मै तेरी पहचान बनकर
********
वेदनाएं भी
 हरुंगी
जीत निश्चित 
मै करूंगी
कीर्ति पताका
मै फहरूंगी
मै तेरी पहचान बनकर
*********
अभिलाषाएं 
पूर्ण होंगी
राह कंटक
मै चलूंगी
पाप पापी
भी दलूंगी
संगिनी हूं
संग चलूंगी
मै तेरी पहचान बनकर
*********
ज्योति देने को
जलूंगी
शान्ति हूं मैं
सुख भी दूंगी
मै जिऊंगी
औ मरूंगी
पूर्ण तुझको
मै करूंगी
सृष्टि सी 
रचती रहूंगी
सर्वदा ही
मै तेरी पहचान बनकर
**********
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश ,
भारत