क्यूँ उदास माँ दिखती है
जब भी कुछ जानना चाहूँ
यूँ ही टाल देती है|
रह ना पाई कुलबुलाई
समय देख प्रश्न दागा
क्या तुम मुझे नहीं चाहतीं
मेरे आने में है दोष क्या
क्यूँ खुश दिखाई नहीं देतीं ?
माँ धीमे से मुस्कुराई
पर उदासी न छिपा पाई
बेटी तू यह नहीं जानती
सब की चाहत है बेटा
जब तेरा आगमन होगा
सब से मोर्चा लेना होगा
यही बात चिंतित करती
मन में उदासी भरती |
जल्दी से ये दिन बीते
खिली रुपहली धूप
आज मेरे आँगन में
गूंजी तेरी किलकारी
इस सूने उपवन में
मिली खुशी अनूप
तुझे पा लेने में |
देखा सोच बदलता मैनें
अपने ही घर में |
कितना सुखमय है जीवन
आज में जान पाई
रिश्तों की गहराई
यहीं नजर आई |
तेरी नन्हीं बाहों की उष्मा
और प्यार भरी सुन्दर अँखियाँ
स्वर्ग कहीं से ले आईं
मेरे मुरझाए जीवन में |
आशा
7 comments:
जब तेरा आगमन होगा
सब से मोर्चा लेना होगा
यही बात चिंतित करती
मन में उदासी भरती |
जल्दी से ये दिन बीते
खिली रुपहली धूप
आज मेरे आँगन में
गूंजी तेरी किलकारी
बेटियों के प्रति सजग करती प्यारी रचना , माँ कब डरी है डरना नहीं होगा जितना भी मोर्चा लेना पड़े लेना ही होगा समझाना होगा ये समाज बचाना होगा ही ...
सुन्दर
जय श्री राधे
भ्रमर ५
जब तेरा आगमन होगा
सब से मोर्चा लेना होगा
यही बात चिंतित करती
मन में उदासी भरती |
जल्दी से ये दिन बीते
खिली रुपहली धूप
आज मेरे आँगन में
गूंजी तेरी किलकारी
इस सूने उपवन में
मिली खुशी अनूप
बेटियों के प्रति सजग करती प्यारी रचना , माँ कब डरी है डरना नहीं होगा जितना भी मोर्चा लेना पड़े लेना ही होगा समझाना होगा ये समाज बचाना होगा ही ...
सुन्दर
जय श्री राधे
भ्रमर ५
किलकारी की गूँज सुनाती,
परिवारों को यही बसाती।
नारी नर की खान रही है,
जन-जन का अरमान रही है।
बिटिया की महिमा अनन्त है।
बिटिया से घर में बसन्त है।।
आदरणीय शास्त्री जी बेटियों के मान में ये जो रचा आप ने काविले तारीफ़ है , आशा जी को एक बार फिर मुबारक
भ्रमर ५
बहुत सुंदर कोमल भावना लिये प्यारी प्यारी बेटी सी कविता ।
आदरणीया आशा जी आप का बहुत बहुत आभार ..बेटियों का स्वागत होगा तभी इस समाज में संतुलन होगा और संस्कृति में सामंजस्य भी ..प्रयास जारी रहे
आभार
भ्रमर ५
अपनी बेवाक राय के लिए आप सब का आभार |
आशा
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