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Wednesday, 14 April 2021

प्रिय उर तपन बढ़ा री बदली


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प्रिय उर तपन बढ़ा री बदली
देखें तुझको दसियों बार
चांद देख लें अपनी ' पगली '
आ मिल लें सावन इस बार ।
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5


सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

1 comment:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर।
चैत्र नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।