tag:blogger.com,1999:blog-2416936712435917704.post926495774398144537..comments2023-10-24T03:35:55.549-07:00Comments on प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच _ सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5: दूरियांSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5http://www.blogger.com/profile/11163697127232399998noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2416936712435917704.post-74834697050024211752012-07-01T05:40:42.447-07:002012-07-01T05:40:42.447-07:00बढ़िया प्रस्तुति ||बढ़िया प्रस्तुति ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2416936712435917704.post-53098209183712594252012-07-01T03:11:09.955-07:002012-07-01T03:11:09.955-07:00आदरणीया आशा जी इस छोटी सी रचना ने दूरियों कम करने ...आदरणीया आशा जी इस छोटी सी रचना ने दूरियों कम करने की राह सिखा दी ..<br />ना समझो गणित दूरी का , ना समझो तो अच्छा है , निभ जाये जो जैसा है वाही रिश्ता ही सच्चा है ...<br />हाँ ऐसा भी है किसी तरह से प्रेम से निभ जाए ....<br />सुन्दर ....<br />भ्रमर ५SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5https://www.blogger.com/profile/11163697127232399998noreply@blogger.com